सप्ताह -6 अफ्रीकी ढोल
इस सप्ताह का पाठ्यक्रम आपको पश्चिमी अफ्रीका की आइवरी (कोस्ट )तट की तालों के बारे में परिचय देगा। जिसे फ़्लशिंग टाउन हाल के कला अध्यापक वादो डीओमंड़े तथा लीसा डीओमंड़े अपके समक्ष प्रस्तुत करेंगे। वादो प्रमुख ड्रमर , नर्तक, शिक्षक तथा कोचिंगों डान्स कमपनी के कला निर्देशक है तथा लीसा प्रबन्धक निदेशक हैं। आपने वादो को फ़्लशिंग टाउन हाल के मंच पर देखा होगा परआज हम इनसे इनके हार्लम के अपार्टमेंट में मिलेंगे। चलिए एक प्लास्टिक की बाल्टी या मेज़ के ऊपरी हिस्से पर वादो से विभिन्न तालों की गतियों के बारे में जानकारी लें।
>>गतिविधि
दिन 1
पहला सबक़ शुरू होता है पश्चिमी अफ़्रीका की सबसे पुरानी डिजम्बे ताल प्रक्रिया में से एक के साथ (kou-Kou)
कोउ-कोउ जो कि जब मछली पकड़ कर महिलाँयें घर लातीं थीं तब पारम्परिक नृत्यों के साथ बजाई जाती थी। यह नृत्य माँड़े लोगों का नृत्य है। जो कि पश्चिमी अफ़्रीका का सबसे बड़ा संजातिय समूह है।इसके कदमों के विभिन्न प्रकार हैं । इस प्रारम्भिक लय पर नृत्य करने का हर कबीले का अपना अलग तरिका है।
>>गतिविधि
दिन 2
उत्तर आइवरी तट के सेनुफो लोगों में (Bolohi Rhythms) बोलोहि लय पैनथर मास्कडान्स के लिये बजायी जाती है। शुष्क ऋतु की अग्नि चेतावनी के लिये तथा पशुओं की तरह कला बाज़ी करते हुए इस नृत्य को किया जाता है।
>>गतिविधि
दिन 3
आइवरी (कोस्ट )तटI पर विवाह के दौरान क्या लय बजायी जाती है? माँड़े लोग मनेकाडोन लय के साथ नृत्य करते हैं। स्त्री तथा पुरुष अलग -अलग तरह के कदमों से अति सुंदर हस्तसनचालन के साथ लम्बा नृत्य करते हैं।
>>गतिविधि
दिन 4
वादो ने आइवरी तट तथा पश्चिमी अफ्रीका के देशों के ६० कबीलों के नृत्यों तथा लयों को प्रस्तुत किया है। आज ये आपका परिचय एक और लय (N’Goron) एन गोरॉन से कराएँगे जो सीनोफो लोगों की है । यह सुंदर रंगों को लिए युवा वर्ग के यात्रा आरम्भ होने के संस्कार हेतु तथा अकेले जंगल में जीने हेतु , उत्सव के रूप में किया जाता है।
>>गतिविधि
दिन 5
९मई दोपह कृपया (facebook page) फेसबुक पेज पर कोचेंगा डान्स कंपनी की प्रस्तुति देखें।वादो की मूल भाषा ‘माहोउ’ (Mahou) में कोचेंग़ा शब्द का अर्थ संदेशवाहक है। इनके समूह का उद्देश्य है नृत्य द्वारा प्रसन्नता का प्रचार दुनियाभर में करना। हमें आशा है आप को वादो के साथ संगीत रचना में आनंद आया होगा।
>> WATCH ON FACEBOOK